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लेखनी कहानी -07-Jul-2022 डायरी जुलाई 2022

धरती के भगवान  


सखि, 
आजकल धरती के भगवान बड़े नाराज चल रहे हैं । क्या तुम नहीं जानती हो उन्हें ? आसमानी भगवान से भी बड़ा मानते हैं खुद को । ये धरती के भगवान आसमानी भगवान को कुछ नहीं मानते । यहां तक कि आसमानी भगवान के लिए अपशब्द कहने वालों को "अभिव्यक्ति की स्वतन्त्रता" कहकर उन्हें "महान क्रांतिकारी" तक बताते हैं । ये एक "आसमानी किताब" और उसमें अंकित "खुदा" से बहुत डरते हैं । उस पर यदि कुछ भी कह दिया जाये तो ये धरती के भगवान उस व्यक्ति को बिना ट्रायल के ही दोषी ठहरा देते हैं और सार्वजनिक रूप से उसका अपमान करने भें कोई कसर नहीं छोड़ते हैं । ये धरती के भगवान आजकल ऊल जलूल टिप्पणियां करते रहते हैं जैसे कि संविधान में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार केवल इन भगवानों के ही हो । बाकी को कोई अधिकार नहीं हो । 

अभी कल परसों एक सेमीनार में धरती के एक भगवान ने इस पर चिंता जाहिर की देश में विपक्ष कमजोर हो रहा है । सखि, इन धरती के भगवानों को इस बात की कोई चिंता नहीं है कि इनकी चौखट पर मत्था रगड़ते रगड़ते लोगों की कई पीढियां मर खप जाती हैं और उन्हें कोई इंसाफ नहीं मिलता है ।  मगर इससे इन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता है । आजकल ये भगवान "विपक्ष" की भूमिका निभाने को बहुत बेचैन नजर आ रहे हैं । 

मगर समय सबका आता है सखि । जब कोई भी व्यक्ति खुद को भगवान या भगवान से भी बड़ा समझने लगता है और संविधान में दिये गए अधिकारों का दुरुपयोग करने लगता है , एक एजेण्डा के तहत कार्य करने लगता है , तब ऐसे व्यक्ति के विरुद्ध जनमत खड़ा हो जाता है और "धरती के भगवानों" को उनकी "लक्ष्मण रेखा" याद करा दी जाती है । तब ये धरती के भगवान बुरी तरह से तिलमिला जाते हैं और अपनी आलोचनाओं से बचने के लिए सोशल मीडिया पर प्रतिबंध लगाने की बात करने लगते हैं । एक तरफ तो ये अभिव्यक्ति की स्वतन्त्रता की दुहाई देते थकते नहीं हैं और दूसरी तरफ ये सोशल मीडिया को बैन करने की वकालत भी करते हैं । 

दरअसल ये चाहते हैं सखि, के ये सही गलत , संविधान के अनुरूप या संविधान के परे जाकर कुछ भी करें, इन पर कोई प्रश्न नहीं किया जाना चाहिए।  इतने असीमित अधिकार चाहते हैं ये धरती के भगवान । जनता ने इनके तौर तरीकों पर जब ऐतराज उठाना शुरू किया तो ये बिलबिला उठे और थूक कर चाटने को मजबूर हो गये । सही मायने में देश में अब जागृति आ रही है सखि । हमें उम्मीद रखनी चाहिए कि अब "बेलगाम भगवानों" पर कुछ "लगाम" लग सकेगी । 

आज के लिए इतना काफी है सखि । कल फिर  मिलते हैं । 

श्री हरि 
20.7.22 

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3 Comments

Radhika

09-Mar-2023 12:37 PM

Nice

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Seema Priyadarshini sahay

20-Jul-2022 06:09 PM

बेहतरीन

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Gunjan Kamal

20-Jul-2022 10:42 AM

शानदार

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